जवाहरनगर/भंडारा (सं). आयुध निर्माण भंडारा में शनिवार 27 जनवरी को सुबह 8:30 बजे के दौरान हुए धमाके में एक कर्मचारी की मौके पर हुई मौत के बाद विभागीय स्तर पर इस मामले की जांच जारी है वहीं इस विस्फोट से सुरक्षा व्यवस्था पर भी सवाल उठे हैं. मृतक कर्मचारी अविनाश भागवत मेश्राम (50) को रविवार 28 जनवरी को गमगीन माहौल में अंतिम बिदाई दी गई.
आयुध निर्माणी की जवाहर नगर इकाई म्युनिशन्स इंडिया लिमिटेड संचालित करती है. इस संयत्र में विस्फोट और कर्मी की मौत की जांच के लिए वरीय अधिकारियों ने बोर्ड जांच कमेटी का गठन किया है. इसमें एजीएम मलिक, संयुक्त जीएम पी. वी. मडावी एवं संयुक्त कार्यकर्ता प्रबंधक पी. पी. गायधने शामिल हैं. इस तीन सदस्यीय कमेटी ने जांच शुरू कर दी है और इसकी रिपोर्ट तुरंत वरिष्ठ अधिकारियों को दी जाएगी. हालांकि, हादसे का सही कारण अभी तक स्पष्ट नहीं हो पाया है.
बताया गया था कि, 27 जनवरी की सुबह 8:30 बजे के दौरान सी एक्स यूनिट में एक बड़ा धमाका हुआ और आग लग गई. आग बुझाने के लिए तुरंत रेस्क्यू टीम पहुंची तो अविनाश मेश्राम गंभीर रूप से घायल दिखे. उन्हें अस्पताल ले जाया गया जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया.
पुणे से वरिष्ठ अधिकारियों ने दी भेंट
अविनाश मेश्राम के शव को पोस्टमार्टम के लिए भंडारा जिला अस्पताल में भेजा गया था. लेकिन भंडारा से शव नागपुर मेडिकल कॉलेज में परीक्षण के लिए भेजा गया. पोस्टमार्टम के बाद आज शव आने के बाद ही अंतिम संस्कार की प्रक्रिया प्रारंभ हुई. इस बीच म्युनिशन्स इंडिया लिमिटेड, भारत सरकार रक्षा मंत्रालय पुणे कार्यालय के मुख्य प्रबंध निदेशक रविकांत आज आयुध निर्माणी में हुए विस्फोट की जांच करने आये. तर्पण के बाद जवाहरनगर स्थित मोक्षधाम गए और अंतिम संस्कार में शामिल हुए. इस समय फैक्ट्री के महाप्रबंधक सुनील सप्रे समेत वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे.
सुरक्षा पर उठते सवाल
आयुध निर्माणी भंडारा में स्फोटकों का निर्माण होता है. इस संयत्र में चप्पे चप्पे पर सुरक्षा के पुख्ता इंतेजाम किए जाते हैं वहीं सी एक्स जैसी संवेदनशील जगह पर हमेशा कम से कम दो से तीन लोग कार्य को अंजाम देते हैं. सी एक्स यूनिट में विस्फोटकों को कार्यान्वित करने वाली विस्फोटक डोरी का निर्माण होता है. सूत्रों के अनुसार, मृतक कर्मचारी एमसीएम पद पर कार्यरत था और सुबह 8 बजे अपने नियत समय पर सी एक्स यूनिट में दाखिल हो कर काम में लगा था.
इस कार्य पर तैनात दूसरे कर्मचारी के समय पर ना आने की वजह से अकेले काम करने का जोखिम एमसीएम मेश्राम ने उठाया. हालांकि इस मौके पर सुपर वाइजर ने एमसीएम मेश्राम को अकेले सी एक्स यूनिट में कैसे जाने दिया इस पर सवाल उठाए जा रहे हैं. सवाल यह भी है की कहीं उत्पादन बढ़ाने के दबाव के चलते एमसीएम मेश्राम ने अकेले ही काम करने का जोखिम तो नहीं उठाया. उम्मीद है जांच समिति और कंपनी प्रबंधन जल्द ही इन सवालों के जवाब ढूंढने में सफल होंगे.