नागझिरा वन्यजीव अभयारण्य – प्रकृति और रोमांच का अनोखा संगम
महाराष्ट्र के गोंदिया और भंडारा जिलों की सीमा पर फैला नागझिरा वन्यजीव अभयारण्य विदर्भ का एक हरा-भरा रत्न है। इसे अक्सर “#विदर्भ का ग्रीन ओएसिस” कहा जाता है, जहाँ घने जंगल, शांत झीलें और दुर्लभ वन्यजीव प्रकृति प्रेमियों को अपनी ओर खींचते हैं।
स्थापना और महत्व
नागझिरा अभयारण्य की स्थापना 1970 के दशक में की गई थी। इसका क्षेत्रफल लगभग 152 वर्ग किलोमीटर है। यह क्षेत्र पेंच और ताडोबा जैसे अन्य प्रमुख अभयारण्यों के बीच स्थित एक महत्वपूर्ण वन्यजीव गलियारा (wildlife corridor) है।
यहाँ के मुख्य वन्यजीव
नागझिरा में आपको कई दुर्लभ और आकर्षक प्रजातियाँ देखने को मिलती हैं:
- बाघ और तेंदुआ – जंगल के असली राजा
- स्लॉथ बेयर और जंगली कुत्ते (धोल)
- गौर (भारतीय बाइसन) और सांभर हिरण
- चीतल, भेड़िया और लोमड़ी
- 166 से अधिक पक्षी प्रजातियाँ – जिनमें भारतीय रोलर, क्रेस्टेड सर्पेंट ईगल, और मोर प्रमुख हैं।
प्रकृति प्रेमियों के लिए आकर्षण
- झीलें और जल स्रोत: नागझिरा झील का प्राकृतिक सौंदर्य पर्यटकों को मंत्रमुग्ध करता है।
- जंगल सफारी: सुबह और शाम के समय सफारी में वन्यजीवों को उनके प्राकृतिक आवास में देखने का मौका।
- ट्रेकिंग और फोटोग्राफी: यहाँ का प्राकृतिक वातावरण फोटोग्राफरों और प्रकृति प्रेमियों के लिए स्वर्ग है।
कैसे पहुँचे नागझिरा?
- रेल: गोंदिया रेलवे स्टेशन सबसे नजदीकी है (लगभग 45 किमी)।
- सड़क: गोंदिया, भंडारा और सकोली से नागझिरा के लिए नियमित बस और टैक्सी सुविधा उपलब्ध है।
- हवाई मार्ग: निकटतम हवाई अड्डा नागपुर (लगभग 130 किमी)।
यात्रा का सही समय
- अक्टूबर से जून नागझिरा घूमने के लिए सबसे अच्छा समय है।
- मानसून (जुलाई-सितंबर) में हरियाली तो खूबसूरत होती है, लेकिन सफारी सीमित रहती है।
यात्रा के लिए सुझाव
- सफारी के लिए पूर्व बुकिंग अनिवार्य है।
- पर्यावरण को सुरक्षित रखने के लिए प्लास्टिक और कचरे का उपयोग न करें।
- जानवरों को परेशान न करें और सिर्फ दूर से देखें और कैमरे में कैद करें।
