रायपुर (छत्तीसगढ़), रिपोर्ट – मेघा तिवारी
भारतीय शास्त्रीय संगीत जगत से एक दुखद समाचार सामने आया है। बनारस घराने की अमूल्य धरोहर और पद्म विभूषण सम्मानित शास्त्रीय गायक पंडित छन्नूलाल मिश्र का निधन हो गया।
बेटी के आवास पर हुआ निधन
पंडित छन्नूलाल मिश्र का निधन मिर्जापुर में उनकी बेटी प्रो. नम्रता मिश्रा के आवास पर हुआ। सुबह उन्होंने अंतिम सांस ली। इस समाचार से परिवार, रिश्तेदार और शिष्यगण गहरे शोक में डूब गए हैं।
दिल का दौरा और लंबी बीमारी
कुछ दिन पहले उन्हें दिल का दौरा पड़ा था, जिसके बाद उन्हें रामकृष्ण मिशन सेवाश्रम हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया। इलाज के दौरान उन्हें दो यूनिट रक्त चढ़ाया गया था। वे लंबे समय से खून की कमी और बेडसोर जैसी बीमारियों से भी जूझ रहे थे।
बेटी ने पुष्टि की
केबी कॉलेज की प्रोफेसर नम्रता मिश्रा ने बताया –
“आज सुबह मेरे पिता का निधन हो गया। यह हमारे परिवार और पूरे संगीत जगत के लिए गहरी क्षति है।”
संगीत में अविस्मरणीय योगदान
पंडित छन्नूलाल मिश्र ने भारतीय शास्त्रीय संगीत में अमूल्य योगदान दिया। वे ख्याल, ठुमरी, दादरा और भजन गायन में अपनी विशिष्ट पहचान रखते थे। उनकी गायकी में बनारस की संस्कृति और अध्यात्म की गहरी छाप दिखती थी।
पद्म विभूषण से सम्मानित
भारत सरकार ने पंडित छन्नूलाल मिश्र को उनके योगदान के लिए पद्म भूषण और पद्म विभूषण सम्मान से नवाज़ा। वे कई अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भी भारतीय संगीत का प्रतिनिधित्व कर चुके थे और विश्वभर में शास्त्रीय संगीत प्रेमियों के बीच लोकप्रिय रहे।
संगीत जगत में शोक की लहर
उनके निधन से भारतीय शास्त्रीय संगीत जगत को अपूरणीय क्षति हुई है। संगीत प्रेमियों का कहना है कि उनके अमर स्वर और भक्ति भाव से भरे गीत सदैव स्मृतियों में जीवित रहेंगे।
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